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डिजिटलाइजेशन की राह में तेजी से बढ़ रहा कश्मीर, 3 और गांव हुए कैशलेस

Desk

कश्मीर घाटी में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कैशलेस मंत्र कामयाब होता दिख रहा है। घाटी के अब तक तीन गांव कैशलेस हो चुके हैं और अब इन गांव में ज्यादातर लेनदेन मोबाइल फोन और पेटीएम द्वारा हो रहा है। सरकार ने इन गांवों में रहने वाले स्थानीय लोगों को कैशलेस होने की अच्छी तरह से ट्रेनिंग दी है और फिर इन्हें कैशलेस घोषित किया गया।दक्षिणी कश्मीर के जिला अनंतनाग का मंजगाम गांव घाटी का दूसरा ऐसा गांव है जहां लोग अब कैशलेस घूम रहे हैं। अनंतनाग के मंजगाम और कुलगाम जिले के बोनिगाम गांव के लोगों को सरकार द्वारा पूरी तरह से ट्रेनिंग दी गई है और इस सिस्टम में सहूलियत को देख यहां के लोगों ने किसी आपत्ति के बगैर इसे अपना लिया है।
उन्हें काफी खुशी भी है कि उनका गांव कश्मीर के उन शुरुआती गांवों में से है जो कैशलेस हो गए हैं। गौरतलब है कि दक्षिणी कश्मीर अनंतनाग जिले के मंजगाम और कुलगाम जिले के बोनिगाम गांव से पहले मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के लानूरा गाँव को पहला कैशलेस गांव घोषित किया गया है। कैशलेस व्यवस्था में उत्साह से हिस्सा ले रहे ग्रामीण बोनिगाम के रहने वाले अल्ताफ अहमद के अनुसार उन्हें इससे बहुत फायदा मिला है। कैशलेस ट्रांजेक्शन से उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। वे लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वह भी यह कैशलेस सिस्टम अपनाएं। अल्ताफ के अनुसार उन्हे सरकार की ओर से पहले ट्रेनिंग दी गई।
स्थानीय निवासी मुख्तार अहमद किराना स्टोर चलाते हैं। उन्होंने बताया कि नकद लेन देन से कैशलेस व्यवस्था बेहतर विकल्प है। जिला सूचना अधिकारी जान मुबारक अहमद ने बताया कि उन्हें काफी खुशी है कि मंजगाम जिले का पहला गांव है, जिसे गो डिजिटल गो कैशलेस प्रोग्राम के तहत पहला कैशलेस गांव बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि गांव में हर व्यक्ति का अपना-अपना खाता है। गांव की आबादी करीब 2000 है और 200 से ज्यादा घर हैं जिसमें कम से कम एक सदस्य को ट्रेनिंग दी गई है।

Report :- Desk
Posted Date :- 23/12/2016

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