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रेलवे स्टेशनों पर होने जा रहा बड़ा बदलाव, अब मिट्टी के कुल्हड़ों में मिलेगी चाय और लस्सी.
नई दिल्ली। रेल यात्रियों को जल्द ही रेलवे स्टेशनों पर चाय, लस्सी और खाने- पीने का सामान मिट्टी से बने कुल्हड़, गिलास और दूसरे बर्तनों में मिलने लगेगा। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने कहा कि रेलवे मिनिस्ट्री ने 400 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को खाने-पीने का सामान मिट्टी से बने बर्तनों में उपलब्ध कराने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इस कदम से स्थानीय और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही प्लास्टिक यूज करने पर रोक लगाई जा सकेगी। इस पहल से कुम्हारों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का कहना है रेलवे की इस पहल के बाद कुम्हारों को 30,000 इलेक्ट्रिक चाक देने का फैसला किया है। साथ ही मिट्टी के बने सामानों को रि-साइकल करने और उन्हें डिस्पोज करने के लिए ग्राइंडिंग मशीन भी उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा, ‘हम इस साल 30,000 इलेक्ट्रिक चाक दे रहे हैं। इससे रोजाना 2 करोड़ कुल्हड़ और मिट्टी के सामान बनाये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया अगले 15 दिन में शुरू होने की उम्मीद है।‘ केवीआईसी की तरफ से बताया गया कि केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने इस बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ जैसे मिट्टी के बर्तन के उपयोग को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया था। बता दें कि रेलवे प्रयोग के तौर पर यूपी के वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों पर इस साल जनवरी से मिट्टी से बने बर्तनों का उपयोग कर रहा था। दोनों ही स्टेशनों पर इस पहल से प्लास्टिक की समस्या से निपटने में मदद मिली है। रेलवे ने विभिन्न रेल मंडलों के सभी प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों और आईआरसीटीसी के चेयरमैन और सीएमडी को पत्र लिखकर स्थानीय रूप से पर्यावरण अनुकूल मिट्टी से बने कुल्हड़, गिलास और प्लेट के उपयोग करने का निर्देश दिया है। सही मायनों में देखा जाए तो ये एक सही और सार्थक प्रयास है जिससे रोजगार के अवसर भी मिलेगा .